Mutual Fund क्या है ?
Mutual Funds क्या है हिन्दी by mktbnews |
1. Mutual Fund क्या है ?
Mutual Fund एक ऐसा ट्रस्ट है जो बड़ी संख्या में ऐसे निवेशकों की धनराशि एकत्रित करता है, जिन निवेशकों का एक उभय निष्ठ/एकसा उद्देश्य है। तत्पश्चात, विभिन्न विकल्पों जैसे इक्विटी, बांड, मुद्रा बाज़ार के साधनों, और/अथवा अन्य सिक्योरिटीज में ये राशि निवेश करती है। हर निवेशक इकाइओं का मालिक होता है जो फंड के मल्कियत के एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस सामूहिक निवेश से जो आमदनी /लाभ उत्पन्न होता है, उसे सही अनुपात में निवेशकों में वितरित कर दिया जाता है, स्कीम के ‘नेट एसेट वैल्यू’ या NAV की गणना के पश्चात कुछ व्यय उस राशि में से घटा भी लिए जाते हैं। सीधे शब्दों में गर कहें, एक आम आदमी के लिए म्यूच्यूअल फंड सबसे साध्य विकल्प है जो उसे विभिन्न प्रकार के, व्यावसायिक द्वारा प्रबंधित सिक्योरिटियों में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है, और जिसकी लागत भी अपेक्षाकृत कम है।
2. म्यूचुअल फंड में क्यों निवेश करें ?
मैनेज करने में आसान आप किसी भी दिन कितने भी म्यूचुअल फंड खरीद और बेच सकते हैं। जबकि यह बैंक FD, PPF या बीमा को आप सरकारी छुट्टी या रविवार को नहीं खरीद बेच सकते हैं। कई विकल्प म्यूचुअल फंड आपको कम निवेश में कई स्टाक और बांड लेने की सुविधा देता है। आप जिस म्यूचुअल फण्ड में निवेश करते हैं उस फण्ड में से किसी एक जगह पैसा नहीं लगाया जाता है। बल्कि अलग-अलग जगह निवेश किया जाता है ताकि किसी एक क्षेत्र में मंदी आने से भी अन्य क्षेत्र से लाभ कम लिया जाए। कम फीस म्यूचुअल फंड एक्सपेंस रेश्यो आमतौर पर आपके निवेश के 1.5-2.5% तक होता है। एक्सपेंस रेश्यो वो फीस होती है जिसे आप AMC को अपना फण्ड (निवेश) मैनेज करने के लिए देते हैं। यह इसलिए कम है क्योंकि एक म्यूचुअल फण्ड में कई लोग निवेश करते हैं और सब के बीच ये फीस बात जाती है। पारदर्शिता म्यूचुअल फंड सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ़ इंडिया (SEBI) द्वारा रेगुलेट किए जाते हैं और उनके NAV (नेट एसेट वैल्यू) या कीमत का घोषणा प्रतिदिन के आधार पर की जाती है। उनके पोर्टफोलियो की घोषणा भी हर महीने की जाती है और इनके बारे में विभिन्न जानकारी भी जनता को दी जाती है।
3. म्यूचुअल फंड में निवेश कैसे करे ?
आप किसी म्यूचुअल फंड की वेबसाइट से सीधे निवेश कर सकते हैं. अगर आप चाहें तो किसी म्यूचुअल फंड एडवाइजर की सेवा भी ले सकते हैं। अगर आप सीधे निवेश करते हैं तो आप म्यूचुअल फंड स्कीम के डायरेक्ट प्लान में निवेश कर सकते हैं। अगर आप किसी एडवाइजर की मदद से निवेश कर रहे हैं तो आप किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के रेगुलर प्लान में निवेश करते हैं। अगर आप सीधे निवेश करना चाहते हैं तो आपको उस म्यूचुअल फंड की वेबसाइट पर जाना पड़ेगा. आप उसके दफ्तर में भी अपने दस्तावेज के साथ जा सकते हैं. म्यूचुअल फंड के किसी डायरेक्ट प्लान में निवेश करने का फायदा यह है कि आपको कमीशन नहीं देना पड़ता है। इसलिए लंबी अवधि के निवेश में आपका रिटर्न बहुत बढ़ जाता है। इस तरीके से म्यूचुअल फंड में निवेश करने में एक दिक्कत यह है कि आपको खुद रिसर्च करना पड़ता है।
4. Mutual Fund के प्रकार
इक्विटी म्यूचुअल फंड डेट म्यूचुअल फंड हाइब्रिड म्यूचुअल फंड सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड इक्विटी म्यूचुअल फंड ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे निवेश शेयरों में करती हैं. छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इसे आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलती है। इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है। जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम के भी 10 अलग प्रकार हैं। डेट म्यूचुअल फंड ये म्यूचुअल फंड स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं। पांच साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है। ये म्यूचुअल फंड स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड ये म्यूचुअल फंड स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं। इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है। हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है। सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड समाधान को केंद्रित कर बनाई गयी यह म्यूचुअल फंड स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं। इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं। इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है।
5. टॉप 5 Mutual Fund
SBI Small Cap Fund ने दिया है 5 साल में औसतन 27.44 फीसदी का रिटर्न। Canara Robeco Emerging Equities Fund ने दिया है पिछले 5 साल में औसतन 25.75 फीसदी का रिटर्न। Mirae Asset Emerging Bluechip Fund ने दिया है पिछले 5 साल में औसतन 25.36 फीसदी का रिटर्न। Reliance Small Cap Fund ने दिया है पिछले 5 साल में औसतन 24.99 फीसदी का रिटर्न। ICICI Prudential Banking and Financial Services Fund ने दिया है करीब 23.20 फीसदी का रिटर्न।
6. म्यूचुअल फंड योग्यता
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। न्यूनतम 500 रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है ( 18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता/ जाती है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। यहाँ तक कि पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
7. म्यूचुअल फंड कैसे चुनें ?
आपको पहले ये चुनना होगा की आप किस प्रकार के फण्ड में निवेश करना चाहते हैं। व्यापक रूप से, इक्विटी फंड तभी चुने जाने चाहिए जब आप ज़्यादा जोखिम उठाने को तैयार हों और इसकी समय सीमा 5 वर्ष से अधिक हो। अगर आप मध्यम जोखिम उठा सकते हैं, तो आप हाइब्रिड फंड में निवेश कर सकते हैं। यदि आप कम जोखिम लेना चाहते हैं, तो आपको डेट फंड में निवेश करना चाहिए। ध्यान दें, सभी म्यूचुअल फंड यहां तक कि डेट फंड में भी कुछ जोखिम होता है।
8. म्यूचुअल फंड के चार्ज
म्यूचुअल फंड स्कीम में होने वाले सभी खर्च को एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं। एक्सपेंस रेश्यो से आपको यह पता लगता है कि किसी म्यूचुअल फंड के प्रबंधन में प्रति यूनिट क्या खर्च आता है। आम तौर पर एक्सपेंस रेश्यो किसी म्यूचुअल फंड स्कीम के साप्ताहिक नेट एसेट के औसत का 1.5-2.5 फीसदी होता है।
9. म्यूचुअल फंड में निवेश करने का सही समय
विभिन्न अध्ययनों से पता चला है कि बाज़ार में निवेश करने के लिए सही समय का इंतेज़ार करने के बजाए बाज़ार में निवेश करना ज़्यादा बेहतर है। बाज़ार सुधार की प्रतीक्षा न करें क्योंकि इस प्रतीक्षा की कोई निश्चित अवधि नहीं है। इसलिए इसे लेकर कोई भविष्यवाणी करना बहुत कठिन है। इसके बजाय, ये देखें कि आप कितना जोखिम ले सकते हैं, आपका लक्ष्य क्या है और बिना देरी किए निवेश करें।
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